माँ इरावती मोह-मुक्ति हैं.इडा-पिंगला रिद्धि-सिद
करती जग-उत्थानमिटाने भक्तों का दुःख-दर्द,
करती जग-उत्थानमिटाने भक्तों का दुःख-दर्द,
अपराह्न. ममतामयी माँनंदिनी-करुणामयी माँ इरावती।
सन्तान तेरी मिल उतारें, भाव-भक्ति से आरती. .
नर जीवन के स्वार्थ सकल
बलि हों तेरे चरणों पर, माँ
मेरे श्रम सिंचित सब फल।
जीवन के रथ पर चढ़कर
सदा मृत्यु पथ पर बढ़ कर
महाकाल के खरतर शर सह
सकूँ, मुझे तू कर दृढ़तर;
जागे मेरे उर में तेरी
मूर्ति अश्रु जल धौत विमल
दृग जल से पा बल बलि कर दूँ
जननि, जन्म श्रम संचित पल।
नर जीवन के स्वार्थ सकल
बलि हों तेरे चरणों पर, माँ
मेरे श्रम सिंचित सब फल।
जीवन के रथ पर चढ़कर
सदा मृत्यु पथ पर बढ़ कर
महाकाल के खरतर शर सह
सकूँ, मुझे तू कर दृढ़तर;
जागे मेरे उर में तेरी
मूर्ति अश्रु जल धौत विमल
दृग जल से पा बल बलि कर दूँ
जननि, जन्म श्रम संचित पल।
बाधाएँ आएँ तन पर
देखूँ तुझे नयन मन भर
मुझे देख तू सजल दृगों से
अपलक, उर के शतदल पर;
क्लेद युक्त, अपना तन दूंगा
मुक्त करूंगा तुझे अटल
तेरे चरणों पर दे कर बलि
सकल श्रेय श्रम संचित फल
પ્રેમલ પાશ થકી તવ , હૈયેનિત નવ પરિમલ પાંગરજો ;
નેહભર્યે તુજ નયનવીંઝણે
હૈયું મુજ પુલકિત રહેજો .
અંતરતર હે તવ અણસારે
અંતર મમ વિકસિત રહેજો ,
આત્મતેજને તવ અંબારે
આતમ હરપળ ઝળહળજો .
રહો પિપાસા હરદમ હૈયે
સ્નેહલ તુજ સંસ્પર્શ તણી ,
તું જ રહો જીવન મુજ, રઘુવર !
તૃષા રિક્ત મુજ અંતરની .
તારે મૃદુલ મધુ સંસ્મરણે
મુદિત રહો મન દિનરજની ,
મહેકો મુજ સૂને અંતરિયે
મુક્ત પ્રભા તુજ વ્હાલપની